.....बराक ओबामा आखिर जीत गये और जीत भी ऐसी की दुनिया देखती रह गयी। भाई इतिहास को सुधारने का वर्तमान ने मौका दे दिया है। आज मार्टिन लूथर किंग कि याद आ रही है जब उन्होंने सिविल राइट्स आन्दोलन के माध्यम से श्वेत के सामने अश्वेत के अधिकारों की मांग की थी। ऐसा लगता है कि उनका देखा गया सपना आज 5 नवम्बर 2008 को साकार हो गया। हाशिये पर चाहे स्त्री हो या दलित अब समय आ गया है कि वे अपने अधिकार को हस्तगत कर सके।
ओबामा जब 20 जनवरी 2009 को कार्यभार संभालेगे उसके बाद देख्नना होगा कि काम करने का उनका नजरिया कैसा है?? क्या वे अमेरिकी दादागिरी वाली छवि से अपने-आपको मुक्त कर पाएंगे?एशिया के प्रति उनका नजरिया क्या केवल आपस मे लड्वाने का ही होगा या कोई सकारात्मक सोच होगी? इराक और अफगानिस्तान को उसके रहमो-करम पर छोड दिया जायेगा या उसके प्रति नीति मे कोइ बदलाव आएगा?? क्या वैश्विक तापमान के लिये अब भी वे गैरजिम्मेदारी वाला बर्ताव करेगे ??
सामाजिक परिवर्तन की प्रक्रिया भारत में भी हो रही है लेकिन कभी-कभी उसका विचलन भी हुआ है. तो ओबामा के सामने दुगूनी चुनौतियां है आनेवाला समय ही बतायेगा कि वे कैसे उससे निजात पाते हैं या सामंजस्य बिठाते हैं।
बहरहाल शानदार जीत के लिये बराक ओबामा को सभी ब्लौगर दोस्तों की तरफ से बधाई.
सीता की दुविधा, रामकथा का नया रूप
14 years ago
3 comments:
देखें, क्या करते हैं ओबामा दुनिया के लिए।
i hope obama will be a good president and peaple also
आपका अन्य पोस्ट भी बहुत बेहतर है ...लिखते रहे मेरी शुभकामनाए आपके साथ है। हम उम्मीद करते है की अपना कुछ वक्त युवा जोश को भी देंगे और अपनी सोच से इस दोस्त को अवगत करवाएँगे.
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